Income Tax जमा करने से पहले देनी होगी इन चीजों की जानकारी, जानिए क्या हैं नए नियम
Income Tax जमा करने से पहले देनी होगी इन चीजों की जानकारी, जानिए क्या हैं नए नियम
अगर आप हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं, तो यह खबर आपके काम की है. इस बार आईटीआर फाइल करने से पहले आयकर विभाग द्वारा किए गए बदलावों पर एक नजर जरूर डाल लें. आयकर विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 (आंकलन वर्ष 2022-23) के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म जारी कर दिए गए हैं और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है.
बता दें, आयकर विभाग की तरफ से इस बार ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं. फिर भी कुछ चीजें जरूर बदली गई हैं. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते सम करदाताओं को कुछ अतिरिक्त जानकारी अवश्य देनी होगी. अगर आपको इन बदलावों की जानकारी नहीं है, तो आपको आईटीआर फाइल करने में परेशानी हो सकती है.
पीएफ खाते में कर योग्य ब्याज
अगर ईपीएफ खाते में आपका योगदान हर साल 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको अतिरिक्त योगदान पर अर्जित ब्याज पर टैक्स देना होगा. इस ब्याज की जानकारी आपको आईटीआर फॉर्म में देनी होगी.
संपत्ति खरीदने या बेचने की जानकारी
अगर आपने 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 की अवधि के बीच किसी भी तरह की संपत्ति खरीदी या बेची है तो यह जानकारी आपको तारीख के साथ देनी होगी. आईटीआर फॉर्म में आपको कैपिटल गेन के तहत खरीद या बिक्री की तारीख का उल्लेख करना होता है.
घर के नवीनीकरण की जानकारी
अगर आपने घर के नवीनीकरण पर खर्च किया है, तो यह जानकारी भी साल दर साल देनी होगी. लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर पहुंचने के लिए इस लागत को बिक्री मूल्य से घटाना होगा.
ख़रीदने की वास्तविक लागत
पूंजीगत लाभ के बारे में जानकारी देते समय, आपको अभी केवल लागत का उल्लेख करना आवश्यक था. लेकिन इस समय से, आपको सूचकांक लागत के साथ-साथ संपत्ति खरीदने की वास्तविक लागत (बाजार दर) भी निर्दिष्ट करनी होगी.
आवासीय स्थिति की जानकारी भी है आवश्यक
ITR फाइल करते समय रेजिडेंशियल स्टेटस बताना अनिवार्य कर दिया गया है. अगर आप आईटीआर-2 या आईटीआर-3 फॉर्म भर रहे हैं तो आपको रेजिडेंशियल स्टेटस सपोर्ट का विकल्प चुनना होगा. इस विकल्प में आपको यह बताना होगा कि आप भारत में कितने समय से रह रहे हैं.
ESOP पर टैक्स से बचने की जानकारी
साल 2020 के बजट में यह घोषणा की गई थी कि एक स्टार्टअप के कर्मचारी ESOP पर टैक्स देने से बच सकते हैं. हालांकि, इसकी कुछ शर्तें हैं. इस बार आईटीआर फाइलिंग के दौरान कर्मचारी को आस्थगित कर की राशि की जानकारी देनी होगी.
विदेश में संपत्ति और आय
अगर आपके पास विदेश में संपत्ति है या आपने विदेश में किसी संपत्ति से लाभांश या ब्याज अर्जित किया है, तो आईटीआर दाखिल करते समय यह जानकारी देना आवश्यक है. इसके लिए फॉर्म-2 और फॉर्म-3 का इस्तेमाल किया जा सकता है.
देश के बाहर बेची गई संपत्ति की जानकारी
अगर आपने देश के बाहर कोई संपत्ति बेची है तो यह जानकारी आईटीआर फाइल करते समय देनी होगी. आईटीआर फाइलिंग में खरीदार और संपत्ति का पता देना होता है.
पेंशनभोगियों के लिए दायरा बढ़ा
आईटीआर फॉर्म, पेंशनभोगियों को पेंशन के स्रोत के बारे में बताना होगा. पेंशनभोगियों को रोजगार की प्रकृति ड्रॉप-डाउन मेनू में दिए गए विकल्पों में से किसी एक को चुनना होगा. यदि आप केंद्र सरकार के पेंशनभोगी हैं, तो पेंशनभोगी-सीजी चुनें, यदि आप राज्य सरकार के पेंशनभोगी हैं, तो पेंशनभोगी-एससी चुनें. इसी तरह अगर किसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पेंशनभोगी हैं तो पेंशनभोगियों-पीएसयू का चयन करना होगा.